New Step by Step Map For हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे

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हल्दी दूध को कैंसर से निजात पाने में भी उपयोगी पाया गया है। यह प्रोस्टेट कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर, पेट का कैंसर आदि में उपयोगी पाया गया है।यह कैंसर 

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अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार हल्दी का नियमित सेवन करें।

पेट दर्द होने पर भी हल्दी का सेवन करने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है। इसके लिए एक गिलास गुनगुने पानी में आधी चम्मच हल्दी मिलाकर पी लें, तुरंत आराम मिलेगा। पाचन की समस्या होने पर जब हल्दी का सेवन कच्चे तौर पर किया जाता है तो इससे पाचन तंत्र सुधरता है। हल्दी के प्रमुख घटक पित्त का उत्पादन करने के लिए पित्ताशय की थैली को उत्तेजित करते हैं, तुरंत पाचन तंत्र को सही करते हैं। इसे सूजन और गैस के लक्षणों को भी कम करने के लिए जाना जाता है।

• हल्दी और गुलाब पानी का लेप बनाकर अगर हम इसे सुबह-शाम सोयरायसिस हुए जगह पर लगाने से इसमें राहत मिलती है ।

हल्दी कुछ दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकती है जैसे एस्पिरिन लेने वालों को इसे पूरी तरह से लेने से बचना चाहिए। हल्दी दूध शुरू करने से पहले आप अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

अन्य भाषाओं में इसे निम्न नामों से पुकारा जाता है।

अगर सर्दी-जुकाम हो गया है तो हल्दी वाला दूध पीना चाहिए। रात को सोने के पहले एक ग्लास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं। ठंड के दिनों में हल्दी दूध बहुत फायदेमंद होता है। यह गले में जम रहे कफ को भी बाहर निकालने में मदद करता है।

• हल्दी पाउडर में करक्यूमिन घटक होने के कारण वह खून को एक जगह जमा होने से रोकता है । करक्यूमिन घटक की वजह से अवसाद आना, मनोदशा चिंता और तनाव जैसी समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है । करक्यूमिन, एंटीऑक्सीडेंट्स के वजह से झुरिया आना पिगमेंटेशन होना, इन चीजों से राहत मिलती है । मासिक धर्म में पीड़ा, सूजन या मूड स्विंग होने पर हल्दी का सेवन करने से राहत मिलती है । लिवर डिटॉक्स करने के लिए भी हल्दी का उपयोग किया जाता है ।

कच्ची हल्दी पीने से क्या होता है? माना जाता है की सूखी हल्दी से ज्यादा कच्ची हल्दी फायदेमंद होती है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में तो कच्ची हल्दी रामबाण की तरह है।

उत्पन्न करने वाले सेल्स को नष्ट कर देता है जिससे यह शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलता है। कई बार लोगो के’ कैंसर की शुरुआती समय में जांच नहीं हो पाती है जिससे यह बहुत बढ़ जाता है। हल्दी दूध इसे शुरुआत में ही बढ़ने से रोकता है।

पैन में एक इंच हल्दी के टुकड़े को डालें।

• हल्दी को पीसकर घी में मिलाकर घाव पर लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।

इस मसाले के एंटीवायरल गुण आपकी प्राकृतिक प्रतिरक्षा को बढ़ावा देते हैं और वायरस के बढ़ने को रोकते हैं, ताकि आप हेपेटाइटिस जैसे संक्रमणों से बचे रहें। शोध से यह भी पता चलता है कि हल्दी अल्जाइमर रोग की प्रगति को धीमा कर देती है और यहां तक ​​कि कैंसर होने का खतरा भी कम करती है। हल्दी दूध कई बीमारियों के खिलाफ आपकी प्रतिरक्षा में सुधार करने के लिए एक लाजवाब टॉनिक है। इसके एंटीवायरल प्रभाव के कारण, यह विशेष रूप से सर्दी और फ्लू के मौसम click here में उपयोग होता है। यदि आपके शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है जिसकी वजह से आपको कोई भी संक्रमण आसानी से हो जाता है, तो सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले हल्दी दूध का एक कप पिने की आदत बनाएं।

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